Home
Palmistry Ke Anubhut Prayog - Part-3 (पामिस्ट्री के अनुभूत प्रयोग - भाग-3)
Loading Inventory...
Barnes and Noble
Palmistry Ke Anubhut Prayog - Part-3 (पामिस्ट्री के अनुभूत प्रयोग - भाग-3)
Current price: $10.99
Barnes and Noble
Palmistry Ke Anubhut Prayog - Part-3 (पामिस्ट्री के अनुभूत प्रयोग - भाग-3)
Current price: $10.99
Loading Inventory...
Size: OS
*Product Information may vary - to confirm product availability, pricing, and additional information please contact Barnes and Noble
निर्धनता और धन का संबंध परिसंपत्ति (Assets) देनदारी (Liability) की मात्रा के अंतर से भी होता है, आय और व्यय के अंतर से भी होता है। व्यक्ति की हजार रुपये मासिक आय हो किंतु खर्च नौ सौ रुपये हो, वह धनी है। इसके विपरीत जिसकी आय लाख रुपये मासिक हो और खर्च सवा लाख हो, वह निर्धन है।
बड़े व्यापार में कर्ज लेना सामान्य बात है। व्यक्ति पर देनदारी की जितनी मात्रा है, उससे अधिक परिसंपत्ति है, तो भी हाथ के लक्षण धनी बताएंगे। नकदी का प्रवाह रुकने से उन्हें अस्थाई परेशानी हो सकती है अथवा एक ओर का प्रवाह रोककर दूसरी ओर व्यय करने से कष्ट भी हो सकता है, किंतु यह अस्थाई स्थिति सुधर जाती है, जबकि परिसंपत्ति देयता से अधिक हो। उपाय का समय उस परेशानी की अवस्था में तनाव दूर करने में सहायक होता है।
पामिस्ट्री गुरू दयानंद वर्मा और उनकी पुत्री निशा घई को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। इंस्टीट्यूट ऑफ पामिस्ट्री के संस्थापक दयानंद वर्मा का नाम विश्व में हस्तरेखा विशेषज्ञों में बड़े सम्मान से लिया जाता है। वर्षों की उनकी शोध ने पामिस्ट्री में नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं। जिस प्रकार ब्लड टेस्ट आदि देखकर एक विशेषज्ञ शरीर के भीतरी अंगों की क्रियाओं को समझ सकता है, उसी प्रकार एक हस्तरेखा विशेषज्ञ हाथ की रेखाएं देखकर उस व्यक्ति के भीतर छिपी संभावनाओं को समझ सकता है। मनुष्य के अंदर छिपी संभावनाओं का अध्ययन ही भूत, भविष्य और वर्तमान को पढ़ना है।